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सवालों में आरटीओ-पुलिस की गश्त, टोल प्लाजा को लग रही चपत

 


सवालों में आरटीओ-पुलिस की गश्त, टोल प्लाजा को लग रही चपत


फोटो- बड़ेवन फ्लाईओवर के नीचे से टोल प्लाजा से बचकर मनौरी के तरफ जाते वाहन 

- टोल बचाने के चक्कर में बड़ेवन फ्लाईओवर का हो रहा जमकर इस्तेमाल
-पुलिस व यातायात पुलिस चौकी के बावजूद वाहन संचालक कर रहे टैक्स चोरी
- मड़वानगर टोल प्लाजा की घट गई है रोजाना 3 से 4 लाख रुपए की आय
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बस्ती। लखनऊ-गोरखपुर फोरलेन पर बस्ती का बड़ेवन फ्लाईओवर टोल जैसे सरकारी धन को चपत लगाने का अड्डा बन चुका है। यहां दो-दो पुलिस चौकियों के बावजूद वाहन चालक टोल बचाने के लिए सर्विस रोड व अन्य सड़कों का इस्तेमाल कर रहे हैं और सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं। 

बड़ेवन फ्लाईओवर से महज 500 मीटर पर मड़वानगर टोल प्लाजा स्थापित है। लिहाजा चार पहिया व भारी वाहन टैक्स बचाने के लिए सर्विस रोड का इस्तेमाल कर शहर से बाहर मनौरी चौराहे अथवा शहर के अंदर रोडवेज होकर पचपेड़िया होते हुए पटेल चौक पर पहुंच जा रहे हैं। यही कारण है कि पचपेड़िया-पटेल चौक मार्ग अब तक कई बार टूट कर ध्वस्त हो चुका है। वहीं मनौरी की हाईवे की सड़क भी जगह-जगह टूट चुकी है। इससे जहां भारी वाहनों के कारण सड़क टूट कर ध्वस्त हो जाती है, वहीं आए दिन हादसे भी होते रहते हैं। वहीं टोल प्लाजा के प्रबंधक के अनुसार जहां तकरीबन छह महीने पहले रोजाना की आय प्रतिदिन लगभग 22 से 23 लाख रुपए थी, वहीं अब घटकर 18 से 20 लाख रुपए रोजाना हो चुकी है। यानी कि लगभग तीन से चार लाख रुपए सरकारी खजाने की चोरी रोज हो रही है।
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टोल प्लाजा पर टीमें करती हैं जांच का दिखावा 

मड़वानगर टोल प्लाजा पर जांच के नाम पर एआरटीओ, पुलिस, वन विभाग, सेल टैक्स व अन्य विभागों की टीम जांच करने का दिखावा करती है, जबकि उन्हीं की चौकियों से होकर वाहन चालक टैक्स बचा लेते हैं और सरकार को चूना लगा जाते हैं। इससे इन जांच की टीमों पर सवालिया निशान लग जाता है।  
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मलाईदार चौकियां बनी दिखावा 

बड़ेवन फ्लाईओवर के नीचे कटरा पुलिस चौकी व यातायात पुलिस चौकी स्थापित की गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन चौकियों पर रोजाना लाखों की कमाई होती है और तैनाती के लिए मारामारी मची रहती है। कारण यह है कि यहां नो इंट्री इलाके में वाहनों के प्रवेश के नाम पर भारी सुविधा शुल्क लिया जाता है। इसी नाते शहर में रोजाना जाम की भी स्थिति बन जाती है। यही नहीं यहीं से आरटीओ व पुलिस की मौजूदगी में लखनऊ व दिल्ली-मुंबई के लिए डग्गामार वाहनों का धड़ल्ले से संचालन भी होता है।

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